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महर्षि याज्ञवल्क्य महाराज

महर्षि याज्ञवल्क्य के विषय में

शुल्क यजुर्वेद प्रवर्तक, याज्ञिक सम्राट, महान दार्शनिक एवं विधिवेत्ता महर्षि याज्ञवल्क्य की जयन्ती कार्तिक शुक्ल द्वादशी को मनाई जाती है। जो हिन्दू परम्परा में ‘‘योगेश्वर द्वादशी’’ के नाम से जानी जाती है। महर्षि याज्ञवल्क्य के पिता का नाम ब्रह्मरथ (वाजसनी और देवरथ नाम से भी जाने जाते हैं) और माता का नाम देवी सुनन्दा था। पिता ब्रह्मरथ वेद-शास्त्रों के परम ज्ञाता थे। माता ऋषि सकल की पुत्री थी।

महर्षि याज्ञवल्क्य यज्ञ सम्पन्न कराने में इतने निष्णात थे कि उनको याज्ञिक-सम्राट कहा जाता है। यज्ञ सम्पादन में उनकी इस सिद्ध- हस्तता के कारण ही उनका नाम ‘‘याज्ञवल्क्य’’ पड़ा। याज्ञवल्क्य शब्द स्वयं दो शब्दों का योग है- याज्ञ और वल्क्य अर्थात् यज्ञ सम्पादन कराना जिनके लिए वस्त्र बदलने के समान सहज और सरल था।

 
 

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